हमारे बारे में
बलों के प्रभाव के अंतर्गत भौतिक प्रणालियों के आचरण का वर्णन करनेवाले विग्यान को ‘सैध्दांतिक यांत्रिकी’ की परिभाषा दे सकते हैं. दूसरी ओर, अभिकलनी यांत्रिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रही है जो अभिकलनी पध्दतियों का उपयोग करके यांत्रिकी के सिध्दातों द्वारा नियंत्रित फिनामिना का अध्ययन करती है
अत्यधिक प्रौद्योगिकी संबध्दता रखनेवाले संक्लिष्ट समस्याओं को प्रयोगात्मक जाँचकार्यों द्वारा विश्वसनीय समाधानों का संभरण करने केलिए सी एस आई आर – एस ई आर सी में स्थित टी सी एम एल, सैध्दांतिक एवं अभिकलनी यांत्रिकी के क्षेत्र में कार्यकर रहे वैग्यानिकों को एक साथ जोडती है. सैध्दांतिक एवं अभिकलनी यांत्रिकी का उपयोग करके भौतिक फिनामिनन (तथ्य) का अनुकरण और अभियांत्रिकी पध्द्ति द्वारा गुणधर्म निर्धारण, प्रागुक्ति एवं अनुकरण का कार्य करने में इस प्रयोगशाला के वैग्यानिक लगे रहे हैं .
टी सी एम एल में समाविष्ट अनुसंधान के क्षेत्र फिर भी परिसीमित नहीं
- विश्लेषणात्मक, अभिकलनी एवं क्षेत्रीय जाँच के जरिए संरचनाओं का प्रघात प्रतिक्रिया
- कांक्रीट आचरण का अभिकलनी नमूनीकरण
- संरचनाओं / संरचनात्मक घटकों का प्रगत श्रांति एवं विभंजन विश्लेषण
- अभियांत्रिकी निर्णय लेने केलिए स्टकास्टिक नमूनों का अनुप्रयोग
- रेशा प्रबलित कांक्रीट प्रौद्योगिकी एवं उत्पादन
- लेस्ड स्टील- कांक्रीट सम्मिश्र प्रणाली का विकास
- संरचनाओं / संरचनात्मक घटकों का जोखिम अनुरूप अभिकल्प
- संरचनाओं / संरचनात्मक घटकों का जोखिम अनुरूप अभिकल्प